रात भर आई नहीं और हम हिला-हिला कर यूँ ही सो गए

अर्ज़ किया है:
रात भर आई नहीं और हम हिला-हिला कर यूँ ही सो गए;
ज़रा गौर फरमाईये:
रात भर आई नहीं और हम हिला-हिला कर यूँ ही सो गए;
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जो हिला रहे थे वो था पंखा, जो आई नहीं वो थी बिजली।
सालो कभी तो सीधा सोच लिया करो।
नटखट
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